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Showing posts from February, 2017
ह्रदय रोग का उपचार/इलाज
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ह्रदय रोग का उपचार / इलाज ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक ‘सुपर फूलगोभी’ विकसित करने का दावा किया है, जो कि लोगों को हृदय रोग और कैंसर से बचा सकता है.नॉरविच स्थित इंस्टिच्यूट ऑफ फूड रिसर्च और जॉन इन्नेस सेंटर के एक दल ने बताया नया स्ट्रेन जिसे बेनफोर्ट नाम दिया गया है, दिखने में सामान्य फूलगोभी की तरह ही है. लेकिन पोषक तत्व ग्लुकोराफानिन इसमें तीन गुणा अधिक पाया जाता है.अनुसंधान में पता चला है कि ग्लुकोराफानिन हदय रोगों और कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है. इस पोषक तत्व को परिवर्तित करके यौगिक सल्फोराफेन बना लिया गया है.वैज्ञानिकों ने बताया कि यह यौगिक दिल का दौरा, कैंसर की शुरूआती अवस्था में अनियंत्रित कोशकीय विभाजन के लिए जिम्मेवार जलन को स्पष्ट तौर पर कम करने और रोगों के खिलाफ लड़ने वाले एंटी-ऑक्सिडेंट की मौजूदगी को बढ़ाता है.आनुवांशिक इंजीनियरिंग के बजाय जनन (ब्रीडिंग) के जरिये सुपर फूलगोभी विकसित करने वाले वैज्ञनिकों का कहना है कि यह सामान्य फूलगोभी के मुकाबले सल्फोराफेन के स्तर को दो से चार गुणा तक बढ़ा देता है.अखबार ‘डेली एक्सप्रेस’ ने इस दल के नेतृत्व करने वाले र्रिचड मिथेन के ह
हृदय रोग का उपचार और ईलाज
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ह्रदय रोग का उपचार/इलाज ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक ‘सुपर फूलगोभी’ विकसित करने का दावा किया है, जो कि लोगों को हृदय रोग और कैंसर से बचा सकता है.नॉरविच स्थित इंस्टिच्यूट ऑफ फूड रिसर्च और जॉन इन्नेस सेंटर के एक दल ने बताया नया स्ट्रेन जिसे बेनफोर्ट नाम दिया गया है, दिखने में सामान्य फूलगोभी की तरह ही है. लेकिन पोषक तत्व ग्लुकोराफानिन इसमें तीन गुणा अधिक पाया जाता है.अनुसंधान में पता चला है कि ग्लुकोराफानिन हदय रोगों और कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है. इस पोषक तत्व को परिवर्तित करके यौगिक सल्फोराफेन बना लिया गया है.वैज्ञानिकों ने बताया कि यह यौगिक दिल का दौरा, कैंसर की शुरूआती अवस्था में अनियंत्रित कोशकीय विभाजन के लिए जिम्मेवार जलन को स्पष्ट तौर पर कम करने और रोगों के खिलाफ लड़ने वाले एंटी-ऑक्सिडेंट की मौजूदगी को बढ़ाता है.आनुवांशिक इंजीनियरिंग के बजाय जनन (ब्रीडिंग) के जरिये सुपर फूलगोभी विकसित करने वाले वैज्ञनिकों का कहना है कि यह सामान्य फूलगोभी के मुकाबले सल्फोराफेन के स्तर को दो से चार गुणा तक बढ़ा देता है.अखबार ‘डेली एक्सप्रेस’ ने इस दल के नेतृत्व करने वाले र्रिचड मिथेन के हवाले
नपुंसकता के कारण और लक्षण , उपाय
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कुछ लोग शारीरिक रूप से न पुंसक नहीं होते, लेकिन कुछ प्रचलित अंधविश्वासों के चक्कर में फसकर, सेक्स के शिकार होकर मानसिक रूप से नपुंसक हो जाते हैं मानसिक नपुंसकता के रोगी अपनी पत्नी के पास जाने से डर जाते हैं। सहवास भी नहीं कर पाते और मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है। परिचय : जो व्यक्ति यौन संबन्ध नहीं बना पाता या जल्द ही शिथिल हो जाता है वह नपुंसकता का रोगी होता है। इसका सम्बंध सीधे जननेन्द्रिय से होता है। इस रोग में रोगी अपनी यह परेशानी किसी दूसरे को नहीं बता पाता या सही उपचार नहीं करा पाता मगर जब वह पत्नी को संभोग के दौरान पूरी सन्तुष्टि नहीं दे पाता तो रोगी की पत्नी को पता चल ही जाता है कि वह नंपुसकता के शिकार हैं। इससे पति-पत्नी के बीच में लड़ाई-झगड़े होते हैं और कई तरह के पारिवारिक मन मुटाव हो जाते हैं बात यहां तक भी बढ़ जाती है कि आखिरी में उन्हें अलग होना पड़ता है। कारण : नपुंसकता के दो कारण होते हैं- शारीरिक और मानसिक। चिन्ता और तनाव से ज्यादा घिरे रहने से मानसिक रोग होता है। नपुंसकता शरीर की कमजोरी के कारण होती है। ज्यादा मेहनत करने वाले