Posts

Showing posts from November, 2016

अकरकरा

परिचय-  अकरकरा का पौधा अल्जीरिया में सबसे अधिक मात्रा में पैदा होता है। भारत में यह कश्मीर, आसाम, बंगाल के पहाड़ी क्षेत्रों में, गुजरात और महाराष्ट्र आदि की उपजाऊ भूमि में कहीं-कहीं उगता है। वर्षा के शुरू में ही इसका झाड़ीदार पौधा उगना प्रारंभ हो जाता है। अकरकरा का तना रोएन्दार और ग्रंथियुक्त होता है। अकरकरा की छाल कड़वी और मटमैले रंग की होती है। इसके फूल पीले रंग के गंधयुक्त और मुंडक आकर में लगते हैं। जड़ 8 से 10 सेमी लंबी और लगभग 1.5 सेमी चौड़ी तथा मजबूत और मटमैली होती है। विभिन्न भाषाओं में नाम : संस्कृत आकारकर, आकल्लक। हिंदी अकरकरा। मराठी अक्कलकरा। गुजराती अकोरकरो। बंगाली आकरकरा। फारसी वेश्वतर्खून, कोही। अरबी आकिकिहां, अदुक लई। पंजाबी अकरकरा। अंग्रेजी पेलिटरी। लैटिन एनासाइक्लस पाइरेथ्रम। रंग : अकरकरा ऊपर से काला और अंदर से सफेद होता है। स्वाद : इसका स्वाद तेज, चरपरा, ठंडा, चुनचुनाहट पैदा करने वाला होता है। प्रकृति : अकरकरा की प्रकृति गरम और खुश्क होती है। गुण : अकरकरा कडु़वी, रूक्ष, तीखी, प्रकृति में गर्म तथा कफ और वातनाशक है। इसके अलावा यह कामोत्तेजक (सेक्स उत्तेजना को बढ़ाने व